जानिए, आखिर क्यों टीटी, ट्रेन में साधु-संत से टिकट नहीं मांगते

क्या आप जानते हैं - टीटी, ट्रेन में साधु-संत (बाबा) से टिकट नहीं मांगता है, जबकि वो जानता है कि ये बिना टिकट यात्रा कर रहे हैं? 

क्या आप जानते हैं - टीटी, ट्रेन में साधु-संत (बाबा) से टिकट नहीं मांगता है
Neem Karoli Baba | Kanchi-Dham | Nainital (U.K)

आइए इसका जवाब जानते हैं -

ब्रिटिश साशन से जुड़ा हुआ इसका जवाब है। एक बार की बात है की एक संत नीमकरोली बाबा वास्तविक नाम लक्ष्मी नारायण शर्मा था, ट्रेन में बैठे जा रहे थे तो उनको टीटी ने उनसे टिकट मांगा था नहीं देने पर उनको ट्रेन से नीचे उतार दिया गया था। लेकिन वो एक ऐसे सिद्ध महापुरुष बाबा थे की उनकी कृपा ऐसी हुई की ट्रेन फिर चली ही नहीं।

बाद में नीमकरोली बाबा से मिन्नत करनी पड़ी तो उन्होंने दो वचन लिए। पहला की ट्रेन से साधु-संत  से टिकट नहीं पूछा जाएगा और दूसरा की जहा उन्हें  उतार गया था।  वहां एक रेलवे स्टेशन बनाया जाए। 

अंग्रेजो ने ये दोनों है मांगे मान ली ।  तब से आज तक वहीं नियम चलता आ रहा है। 

आप रेलवे मंत्रालय से RTI कर, इससे जुड़ी जानकारी की सत्यता की पुष्टि कर सकते हैं।

जानें कौन हैं नीम करौली बाबा और उन्हें क्यों कहा जाता है हनुमान जी का अवतार:

बाबा का जन्म उत्तर प्रदेश के अकबरपुर में एक ब्रहाम्ण परिवार में हुआ था। उनके पिताजी का नाम दुर्गा प्रसाद शर्मा था। माना जाता है कि बाबा ने लगभग सन् 1900 के आसपास जन्म लिया था, और उनका जन्म से ही लक्ष्मी नारायण नाम रख दिया था।

उत्तराखंड को देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है. उत्तराखंड के नैनीताल से 65 किलोमीटर दूर कैंची में नीम करौली नाम के एक बाबा का आश्रम है।

 बाबा का निधन 11 सितंबर 1973 को हुआ था, लेकिन बाबा की मान्यता इतनी ज्यादा है कि वहां आज भी लोग आते  हैं। 

"कैंची धाम" के नीब करौरी बाबा (नीम करौली) की ख्याति विश्वभर में है। बाबा के भक्तों का मानना है कि बाबा हनुमान जी के अवतार थे। नैनीताल से लगभग 65 किलोमीटर दूर कैंची धाम को लेकर मान्यता है कि यहां आने वाला व्यक्ति कभी भी खाली हाथ वापस नहीं लौटता। यहां पर मांगी गयी मनौती पूर्णतया फलदायी होती है।

देश-विदेश में बाबा के हजारों भक्त हैं। इनमें अध्यात्म गुरु राम दास, योगी भगवान दास के अलावा ऐपल कंपनी के सीईओ स्टीव जॉब्स भी शामिल हैं। स्टीव बाबा से मिलने खास तौर पर भारत आए थे। भारत आने पर उन्हें पता चला कि बाबा की मौत काफी पहले (11 सितंबर 1973) हो चुकी है। बाबा के दर्जनों मंदिर देश-विदेश में हैं। कथित चमत्कारिक शक्तियों की वजह से बाबा मशहूर हैं।

Source: Wikipedia


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Neel Kamal
जानिए, आखिर क्यों टीटी, ट्रेन में साधु-संत से टिकट नहीं मांगते  जानिए, आखिर क्यों टीटी, ट्रेन में साधु-संत से टिकट नहीं मांगते Reviewed by Neel Kamal on November 16, 2021 Rating: 5

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